Tuesday, October 15, 2024
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उत्तराखंड : पुल की कमी से छूट रही लड़कियों की शिक्षा

उत्तराखंड के लगतीबगड़िया गांव में लड़कियों की पढ़ाई पुल नहीं होने से बाधित हो रही है। उन्हें रोज नदी पार करके जाना पड़ता है। जिसकी वजह से बरसात के दिनों में लड़कियां दो–दो महीने स्कूल नहीं जा पाती है। विकास के सारे सरकारी दावे फर्जी साबित हो रहे हैं।

वाराणसी : संविधान ज्ञान परीक्षा में चयनित 28 बच्चों को किया गया पुरस्कृत

संविधान के बारे में बच्चों को सामान्य जानकारी से अवगत कराने के उद्देश्य से विभिन्न विद्यालयों के कक्षा नवीं से बारहवीं तक छात्र-छात्राओं के लिए संविधान आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा विभिन्न विद्यालयों विगत दिनों किया गया था। आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि बच्चों को हमारे संविधान की प्रमुख विशेषताओं को जानना चाहिए जिससे वे बड़े होकर जनहित में आम जन को जागरूक कर सकें, एक अच्छे नागरिक बन सकें और देश की सेवा कर सकें।

छत्तीसगढ़ में किफायती व्यवस्था के नाम पर शिक्षा के विनाश पर तुली सरकार

भाजपा पिछले 10 वर्षों से लगातार शिक्षा पर हमला कर रही है। देश के बड़े और स्थापित विवि उसके निशाने पर रहे हैं लेकिन इधर पिछले कुछ वर्षों से भाजपा शिक्षा के प्रारम्भिक स्तर पर भी नजर गड़ाए हुए है। जुलाई में स्कूल खुलने पर उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा के अंतर्गत आने वाले अध्यापक निशाने पर थे। अब छतीसगढ़ में भाजपा की सरकार आ जाने के बाद नए स्कूल भवन बनाने, पुरानों का जीर्णोद्धार करने और शिक्षकों की भर्ती करने के बजाय भाजपा सरकार द्वारा युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूलों को बंद करने और शिक्षकों का तबादला करने का अभियान चलाया जा रहा है। जबकि यहाँ प्राथमिक विद्यालयों में अनेक चुनौतियाँ हैं, जिनसे निपटना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन यह उसे खत्म करने की साजिश में लगे हुए हैं। 

उ प्र 69000 शिक्षक भर्ती घोटाला : सरकार ने पिछड़े, दलितों और आदिवासियों की हकमारी

वर्ष 2018 में 69000 हजार सहायक शिक्षकों के लिए हुई भर्ती के नतीजे आने के कुछ दिन बाद ही 19000 पदों पर आरक्षण को लेकर हुआ घोटाला सामने आया, जिसके बाद 13 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरिट लिस्ट को रद्द करतीन महीने में आरक्षण के आधार पर नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश जारी किया है। असल में मंडल कमीशन लागू होने के तीन दशक बाद भी अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल जातियाँ अपना एक समाज नहीं बना पायी हैं। इसीलिए ये कभी एकजुट होकर अपनी जनसंख्या के मुताबिक 52% ओबीसी आरक्षण की माँग करती हुई दिखाई नहीं देती है। हालाँकि इनमें से कुछ जातियाँ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा का एजेंडा बढ़ाते हुएओबीसी वर्गीकरण की माँग करती हुई दिखाई देती है।

राजस्थान : स्त्री शिक्षा के बिना सामाजिक बदलाव संभव नहीं

सामाजिक स्तर पर बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता है ताकि समाज लड़कों की तरह लड़कियों की शिक्षा के महत्व को भी समझ सके। यह एक हकीकत है कि हमारे देश में किशोरियों को शिक्षा प्राप्त करने में बाधा का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा देश के शहरी गरीबी इलाकों में भी किशोरियों को शिक्षा के लिए कई संघर्षों से गुज़रना होता है।

उत्तराखंड : पुल की कमी से छूट रही लड़कियों की शिक्षा

उत्तराखंड के लगतीबगड़िया गांव में लड़कियों की पढ़ाई पुल नहीं होने से बाधित हो रही है। उन्हें रोज नदी पार करके जाना पड़ता है। जिसकी वजह से बरसात के दिनों में लड़कियां दो–दो महीने स्कूल नहीं जा पाती है। विकास के सारे सरकारी दावे फर्जी साबित हो रहे हैं।

वाराणसी : संविधान ज्ञान परीक्षा में चयनित 28 बच्चों को किया गया पुरस्कृत

संविधान के बारे में बच्चों को सामान्य जानकारी से अवगत कराने के उद्देश्य से विभिन्न विद्यालयों के कक्षा नवीं से बारहवीं तक छात्र-छात्राओं के लिए संविधान आधारित सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता का आयोजन सामाजिक संस्था आशा ट्रस्ट द्वारा विभिन्न विद्यालयों विगत दिनों किया गया था। आशा ट्रस्ट के समन्वयक वल्लभाचार्य पाण्डेय ने कहा कि बच्चों को हमारे संविधान की प्रमुख विशेषताओं को जानना चाहिए जिससे वे बड़े होकर जनहित में आम जन को जागरूक कर सकें, एक अच्छे नागरिक बन सकें और देश की सेवा कर सकें।

छत्तीसगढ़ में किफायती व्यवस्था के नाम पर शिक्षा के विनाश पर तुली सरकार

भाजपा पिछले 10 वर्षों से लगातार शिक्षा पर हमला कर रही है। देश के बड़े और स्थापित विवि उसके निशाने पर रहे हैं लेकिन इधर पिछले कुछ वर्षों से भाजपा शिक्षा के प्रारम्भिक स्तर पर भी नजर गड़ाए हुए है। जुलाई में स्कूल खुलने पर उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा के अंतर्गत आने वाले अध्यापक निशाने पर थे। अब छतीसगढ़ में भाजपा की सरकार आ जाने के बाद नए स्कूल भवन बनाने, पुरानों का जीर्णोद्धार करने और शिक्षकों की भर्ती करने के बजाय भाजपा सरकार द्वारा युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूलों को बंद करने और शिक्षकों का तबादला करने का अभियान चलाया जा रहा है। जबकि यहाँ प्राथमिक विद्यालयों में अनेक चुनौतियाँ हैं, जिनसे निपटना सरकार की प्राथमिकता होनी चाहिए लेकिन यह उसे खत्म करने की साजिश में लगे हुए हैं। 

उ प्र 69000 शिक्षक भर्ती घोटाला : सरकार ने पिछड़े, दलितों और आदिवासियों की हकमारी

वर्ष 2018 में 69000 हजार सहायक शिक्षकों के लिए हुई भर्ती के नतीजे आने के कुछ दिन बाद ही 19000 पदों पर आरक्षण को लेकर हुआ घोटाला सामने आया, जिसके बाद 13 अगस्त को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मेरिट लिस्ट को रद्द करतीन महीने में आरक्षण के आधार पर नई मेरिट लिस्ट बनाने का आदेश जारी किया है। असल में मंडल कमीशन लागू होने के तीन दशक बाद भी अन्य पिछड़ा वर्ग में शामिल जातियाँ अपना एक समाज नहीं बना पायी हैं। इसीलिए ये कभी एकजुट होकर अपनी जनसंख्या के मुताबिक 52% ओबीसी आरक्षण की माँग करती हुई दिखाई नहीं देती है। हालाँकि इनमें से कुछ जातियाँ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा का एजेंडा बढ़ाते हुएओबीसी वर्गीकरण की माँग करती हुई दिखाई देती है।

राजस्थान : स्त्री शिक्षा के बिना सामाजिक बदलाव संभव नहीं

सामाजिक स्तर पर बालिका शिक्षा के प्रति जागरूकता की आवश्यकता है ताकि समाज लड़कों की तरह लड़कियों की शिक्षा के महत्व को भी समझ सके। यह एक हकीकत है कि हमारे देश में किशोरियों को शिक्षा प्राप्त करने में बाधा का सामना करना पड़ता है। ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा देश के शहरी गरीबी इलाकों में भी किशोरियों को शिक्षा के लिए कई संघर्षों से गुज़रना होता है।

इलाहाबाद विवि : नियुक्तियों में कब तक चलेगा NFS का खेल?

देश में लगातार बेरोजगारी बढ़ती ही जा रही है। उच्च शिक्षित युवा नौकरियों के लिए लगातार भटक रहे हैं। इस वर्ष मार्च में बेरोजगारी दर 7.60 प्रतिशत थी,वहीं अप्रैल में बढ़कर 7.83 प्रतिशत हो गई। इसके बाद भी यदि कहीं छुटपुट रिक्तियां निकल रही है, वहाँ भी आरक्षित पदों के योग्य उम्मीदवारों को नॉट फॉर सूटेबल(NFS) घोषित कर दिया जा रहा है। देश में संविधान-लागू होने के बाद सभी को समान अधिकार प्राप्त हुआ, उसके बाद, ओबीसी, एससी और एसटी वर्ग के लोग शिक्षित हो बेहतर योग्यता से सामने आने लगे, तब उनकी बेचैनी सामने आने लगी। इधर लगातार नॉट फॉर सूटेबल(NFS)के मामले बढ़ गए हैं। पढ़िए ज्ञानप्रकाश का लेख