Saturday, July 27, 2024
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मिर्ज़ापुर में शवदाह का ठेका : अब धरकार नहीं, ठाकुर साहब बेचेंगे चिता जलाने की ‘आग’

मिर्ज़ापुर जिले में भोगांव स्थित श्मशान घाट पर पीढ़ियों से धरकार समुदाय के लोग शव जलाने के लिए आग देकर अपनी आजीविका चलाते आ रहे थे लेकिन पिछले महीने जिला जिला पंचायत ने आग देने का ठेका इसी गाँव के एक ठाकुर को दे दिया। जाति व्यवस्था में तय मानकों के हिसाब से समाज को देखने वाले लोगों को यह अनोखा मामला लग सकता है लेकिन असल में यह कई बातों की ओर इशारा करता है। इससे यह पता चलता है कि जात-जमात से अलग रोजी-रोजगार के साधनों पर सम्पन्न लोग कैसे कब्जा जमा लेते हैं। जाति और पैसे के बल पर लोगों ने उन सभी कामों पर कब्ज़ा जमा लिया है जिसे बिना किए भी मोटा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है। इससे यह भी पता चलता है कि ठेके में कितना अधिक मुनाफा होता है। और यह भी कि सफाई का ठेका कोई भी ले लेकिन सफाई का काम तो स्वीपर को ही करना पड़ता है। यह ठेका भी इसी रणनीति के तहत जारी किया गया है।

Mirzapur : पत्थर खदान ने सिलकोसिस का मरीज बनाया इलाज टी.बी. का होता रहा

मिर्जापुर के राजगढ़ ब्लॉक के सरसों गांव में पत्थर की खदानों में काम करने से लगभग हर घर...

Bhadohi : बरसों के आंदोलन के बावजूद कोई सुनवाई नहीं, गाँव के डूब जाने का खतरा बढ़ा

भदोही जिले के भुर्रा गांव के लोग इस बात से चिंतित हैं कि गंगा नदी धीरे-धीरे जमीन का कटान कर रही है। पास का गांव हरिहरपुर डूब चुका है। उन्हें अपने गांव के अस्तित्व की भी चिंता है। शासन-प्रशासन ने वहां ठोकर बना दिया था, जिससे गांव वालों का कहना है कि कटान और भी तेजी से हो रहा है।

मिर्ज़ापुर में टी बी का इलाज : दवाओं से ज्यादा पाखंड का डोज़

सरकार टीबी मुक्त भारत अभियान चला रही है ताकि 2025 तक देश से इसका समूल नाश हो सके। इसके लिए तरह-तरह के कार्यक्रम और योजनाएं लाई जा रही हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के मिर्जापुर जिले में टीबी के मरीजों की संख्या देखते हुए नहीं लगता कि 2025 तक इसका अंत हो पाएगा। मिर्जापुर जिले में पाँच साल में 636 टीबी मरीजों की मौत हो चुकी है। गाँव के लोग की ओर से पत्रकार संतोष देव गिरि ने इस पूरे मामले की छानबीन की और यह पाया कि जिले में टीबी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है जबकि उनका इलाज समुचित रूप से नहीं हो रहा है। कहीं दवा का अभाव है तो कहीं भ्रष्टाचार और अराजकता का बोलबाला है। निःशुल्क सरकारी इलाज उपलब्ध होने के बावजूद डॉक्टर बाहर की दवाएँ लिखते हैं। उनका ज़ोर इस बात पर होता है कि मरीज़ उनकी बताई दुकानों से ही दवा खरीदे।

Bhadohi : सरकार की अलबेली चाल, न नहर में पानी, न सड़क की व्यवस्था

भदोही जिले के भुर्रा गांव के लोगों का कहना है कि आजादी के बाद से उनके गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. नहर का निर्माण 20 साल पहले हुआ था और पानी केवल एक बार आया था। गांव का संपर्क मार्ग एक नहर से होकर गुजरता है जिसमें गड्ढे ही गड्ढे हैं और बरसात के दिनों में इससे गुजरना बहुत मुश्किल होता है।

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मिर्ज़ापुर जिले में भोगांव स्थित श्मशान घाट पर पीढ़ियों से धरकार समुदाय के लोग शव जलाने के लिए आग देकर अपनी आजीविका चलाते आ रहे थे लेकिन पिछले महीने जिला जिला पंचायत ने आग देने का ठेका इसी गाँव के एक ठाकुर को दे दिया। जाति व्यवस्था में तय मानकों के हिसाब से समाज को देखने वाले लोगों को यह अनोखा मामला लग सकता है लेकिन असल में यह कई बातों की ओर इशारा करता है। इससे यह पता चलता है कि जात-जमात से अलग रोजी-रोजगार के साधनों पर सम्पन्न लोग कैसे कब्जा जमा लेते हैं। जाति और पैसे के बल पर लोगों ने उन सभी कामों पर कब्ज़ा जमा लिया है जिसे बिना किए भी मोटा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है। इससे यह भी पता चलता है कि ठेके में कितना अधिक मुनाफा होता है। और यह भी कि सफाई का ठेका कोई भी ले लेकिन सफाई का काम तो स्वीपर को ही करना पड़ता है। यह ठेका भी इसी रणनीति के तहत जारी किया गया है।

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मिर्जापुर के राजगढ़ ब्लॉक के सरसों गांव में पत्थर की खदानों में काम करने से लगभग हर घर में एक टीबी का मरीज है।...

Bhadohi : बरसों के आंदोलन के बावजूद कोई सुनवाई नहीं, गाँव के डूब जाने का खतरा बढ़ा

भदोही जिले के भुर्रा गांव के लोग इस बात से चिंतित हैं कि गंगा नदी धीरे-धीरे जमीन का कटान कर रही है। पास का गांव हरिहरपुर डूब चुका है। उन्हें अपने गांव के अस्तित्व की भी चिंता है। शासन-प्रशासन ने वहां ठोकर बना दिया था, जिससे गांव वालों का कहना है कि कटान और भी तेजी से हो रहा है।

मिर्ज़ापुर में टी बी का इलाज : दवाओं से ज्यादा पाखंड का डोज़

सरकार टीबी मुक्त भारत अभियान चला रही है ताकि 2025 तक देश से इसका समूल नाश हो सके। इसके लिए तरह-तरह के कार्यक्रम और योजनाएं लाई जा रही हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल के मिर्जापुर जिले में टीबी के मरीजों की संख्या देखते हुए नहीं लगता कि 2025 तक इसका अंत हो पाएगा। मिर्जापुर जिले में पाँच साल में 636 टीबी मरीजों की मौत हो चुकी है। गाँव के लोग की ओर से पत्रकार संतोष देव गिरि ने इस पूरे मामले की छानबीन की और यह पाया कि जिले में टीबी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ी है जबकि उनका इलाज समुचित रूप से नहीं हो रहा है। कहीं दवा का अभाव है तो कहीं भ्रष्टाचार और अराजकता का बोलबाला है। निःशुल्क सरकारी इलाज उपलब्ध होने के बावजूद डॉक्टर बाहर की दवाएँ लिखते हैं। उनका ज़ोर इस बात पर होता है कि मरीज़ उनकी बताई दुकानों से ही दवा खरीदे।

Bhadohi : सरकार की अलबेली चाल, न नहर में पानी, न सड़क की व्यवस्था

भदोही जिले के भुर्रा गांव के लोगों का कहना है कि आजादी के बाद से उनके गांव में कोई विकास कार्य नहीं हुआ है. नहर का निर्माण 20 साल पहले हुआ था और पानी केवल एक बार आया था। गांव का संपर्क मार्ग एक नहर से होकर गुजरता है जिसमें गड्ढे ही गड्ढे हैं और बरसात के दिनों में इससे गुजरना बहुत मुश्किल होता है।