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घरेलू हिंसा : घड़सीसर गाँव की इस कुप्रथा के खिलाफ़ सामाजिक जागरूकता की जरूरत है
यह विडंबना है कि हमारे देश में महिलाएं सबसे अधिक घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं। घर की चारदीवारी के अंदर न केवल उन्हें शारीरिक बल्कि मानसिक रूप से भी प्रताड़ित किया जाता है और फिर घर की इज़्ज़त के नाम पर महिला को ही चुप रहने की नसीहत दी जाती है। हालांकि महिलाओं, किशोरियों और बच्चों पर किसी भी प्रकार की हिंसा करने वालों के खिलाफ कई प्रकार के सख्त कानून बने हुए हैं।