खुशी यादव
स्वास्थ्य
‘स्वच्छता अभियान’ के बावजूद देश की बड़ी आबादी खुले में शौच के लिए मजबूर है
देश के 53.1 प्रतिशत घरों में शौचालय नहीं था, जिसकी वजह से महिलाओं और लड़कियों को सबसे ज्यादा मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। खुले में शौच जाने से महिलाओं और लड़कियों को न केवल मानसिक प्रताड़ना से गुज़ारना पड़ता है, बल्कि उनके स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।