Wednesday, July 30, 2025
Wednesday, July 30, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTags#lakdikekhilaune

TAG

#lakdikekhilaune

वाराणसी : लकड़ी की कारीगरी का नया अंदाज़ है जोगई

उमेश जोगई ने बताया कि शिवाला में जो वर्कशॉप था वह भी जोगई के नाम से ही था लेकिन टैग लाइन थी–क्रिएटिविटी द मैटर और जब आज से चार माह पहले अपना वर्कशॉप और शोरूम यहाँ लेकर आये तो टैग लाइन बदली–इनोवेशन विद ट्रेडिशन, क्योंकि पुराने चीजों की ओर हम फिर लौटना चाहते हैं। प्लास्टिक के आ जाने से लकड़ी की चीजें विलुप्त हो गईं। यहाँ तक कि हाथ से झलने वाला लकड़ी का पंखा और रसोई में पानी भरने की गगरी तक प्लास्टिक की आ चुकी है।

खिलौना रंगने वाली औरत की साठ रुपये रोज पर कैसे गुजर होती होगी?

कितनी मजदूरी मिलती है? कुछ सेकंड रुकने के बाद बहुत धीरे से बताया 60/- रोज का मिलता है। जिस दिन नहीं आती हूँ या छुट्टी होती है उस दिन का पैसा नहीं मिलता है। जो काम बताया जाता है, उस काम को करती हूँ। 60/- जिसमें एक समय का खाना भी नहीं मिलता, वह इनकी मजदूरी है। लेकिन पेट भरना है तो खाना किसे याद आता है, पेट तो दो पाव रोटी और चाय से भी भर जाता है।

ताज़ा ख़बरें

Bollywood Lifestyle and Entertainment