TAG
Livelihood
राजस्थान : रोजी-रोटी की तलाश में स्ट्रीट वेन्डर कर रहे हैं चुनौतियों का सामना
देश में रोजगार का बड़ा संकट शिक्षित लोगों के लिए तो है ही लेकिन जो अशिक्षित हैं, उन्हें भी रोजगार के लिए रास्ते तलाशने पड़ते हैं। उनमें से बहुत से लोग सड़क किनारे या घूम घूम कर सामान बेचने का काम करते हैं लेकिन उससे इतनी कमाई नहीं हो पाती है कि रोजमर्रा की जरूरत पूरी हो पाए। बहुत से परेशानियों के बाद भी ए संघर्ष कर जीवन चलाते हैं।
राजस्थान : पहचान के लिए संघर्ष करता गाड़िया लोहार समुदाय
देश भले 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था की बात करता हो लेकिन आज भी ऐसे अनेक समुदाय हैं, जहां लोग बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जीवन गुजारने को मजबूर हैं। ऐसा ही राजस्थान का लोहार समुदाय है, जिनके पास हुनर तो है लेकिन आज अत्याधुनिक तकनीकें आ जाने से उनका काम नहीं चल रहा है। जिसकी वजह से ये अच्छे और सुरक्षित भविष्य के लिए लगातार संघर्ष कर रहे हैं जबकि सरकार विकास की अनेक योजनाएं लागू है। प्रश्न यह उठता है कि क्यों इन तक सरकारी योजनाएं नहीं पहुँच पा रही हैं।
मिर्ज़ापुर : ढोलक बनानेवाले परिवार अच्छे दिनों के इंतज़ार में हैं
अपर्णा -
मिर्ज़ापुर के चुनार कस्बे में ढोलक बनानेवाले तीन परिवार बताते हैं कि हमारी दाल-रोटी चल जाती है लेकिन पहले वाली बात इसमें नहीं रही। इसलिए नई पीढ़ी के बच्चे अब इस काम में कोई दिलचस्पी नहीं रखते और दूसरे काम करते हैं। सामान्य आमदनी के चलते इनमें शिक्षा के प्रति ललक भी नहीं पैदा हुई इसलिए ज़्यादातर कारीगरी से विमुख हो मजदूरी की ओर जा रहे हैं।
गंगा नदी में बाढ़ : खेत और घर डूबे
गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है और किनारों पर रहने वाले लोगों का जीवन अस्त-व्यस्त और विस्थापित हो गया है। मिर्ज़ापुर और वाराणसी के कई इलाकों से गुजरते हुये बाढ़ में डूबे खेत और घर दिखे। प्रधानमंत्री मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के करसड़ा गाँव के मुसहरों के घर पूरी तरह पानी में डूबे हुये हैं। दो साल पहले उन्हें स्थायी घर देकर यहाँ बसाया गया था। यहाँ उनके घर के बगल में बरसाती नाला और मकानों के ऊपर से हाई टेंशन तार गुजरता है। इसे लेकर उन्होंने प्रशासन से शिकायत भी की लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई।

