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pandey bechan sharma ugra
क्या प्रचंड प्रतिभा के धनी रचनाकार चुनारी लाल मौर्य जातिवाद के शिकार हुए
बीसवीं सदी के एक महत्वपूर्ण लेकिन धूल-धूसरित कवि चुनारी लाल कई उपनामों से लिखते थे। हालांकि उनका एक काव्य-संग्रह प्रकाशित हुआ और ढेरों पांडुलिपियाँ अभी भी अप्रकाशित हैं। उनकी कविताओं और गद्य में व्यंग्य की गहरी मार है। न केवल कवि बल्कि एक पत्रकार और आंदोलनकारी के रूप में चुनारी लाल ने बड़ी भूमिका निभाई। वे अक्खड़मिजाज और स्वाभिमानी व्यक्ति थे। मात्र पचास साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए इस कवि की उपेक्षा जातिवादी कारणों से भी हुई। ओमप्रकाश अमित एक आकलन ।