पुणे में घरेलू हिंसा की शिकार एक युवती ने अपने बचाव के लिए एक सामाजिक संस्था से संपर्क किया जिसकी कार्यकर्ता ने अपनी एक वकील मित्र से उस युवती को कोथरूड में रहनेवाली कुछ कामकाजी महिलाओं के साथ साथ रहने का बंदोबस्त कर दिया। एक पुलिसकर्मी के परिवार की बहू उस युवती के ससुर ने पता लगाकर उन महिलाओं को न केवल जातिसूचक गालियाँ दी बल्कि उनके साथ मारपीट की और अपनी पहुँच की बल पर उन्हें थाने ले गया, जहाँ उन्हें अश्लील गालियाँ देते हुए देह व्यापार करनेवाली कहा गया। गौरतलब है कि पीड़ित महिलाएं दलित समुदाय से आती हैं। थाणे में उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई बल्कि उन्हें प्रताड़ित किया गया। इस मामले ने दलित महिलाओं की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। भंडारा की जानी-मानी सामाजिक कार्यकर्ता और सामाजिक अध्येता मिनल शेंडे की टिप्पणी।
वयोवृद्ध बिरहा गायक बाला राजभर के एक साक्षात्कार से बौखलाए पूर्व एमएलसी और समाजवादी पार्टी के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के राष्ट्रीय अध्यक्ष काशीनाथ यादव अपने चेले सुरेन्द्र यादव और उनके गुंडों के साथ बाला जी के गाँव गए और उन्हें जातिसूचक गालियाँ दी और धमकाया। बाला जी के पुत्र रमेश प्रसाद राजभर ने फोन से इसकी सूचना दी। वह डरे हुये हैं। काशीनाथ का गैंग कभी भी उन पर हमला कर सकता है। इस घटना से बिरहा जगत में भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है कि काशीनाथ यादव के व्यवहार से हम सभी आहत हैं। अगर उन्होंने गलत किया है तो उन्हें अविलंब बालाजी से माफी मांगनी चाहिए। इस घटना से अखिलेश यादव द्वारा चलाये जा रहे पीडीए आंदोलन को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।