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सरकारी अतिक्रमण और बर्बरता की कहानी कहता बैरवन
अपर्णा -
अपनी ही ज़मीन पर अपराधी बना दिये जाने वाले गाँववासियों के रक्तरंजित होने की इस कहानी की शुरुआत तो काफी पहले से हो गई थी लेकिन उसे अंजाम अब दिया गया है। यह ध्यान देने की बात है कि पूर्वांचल में जहाँ-जहाँ सरकारी योजनाओं के लिए ज़मीन ली जा रही है वहाँ यह कार्य ग्रामीणों की आम सहमति की बजाय ज़ोर-ज़बरदस्ती से किया जा रहा है। हर जगह किसान इसी बात का विरोध कर रहा है और हर जगह प्रशासन इसी तरह धूर्तता और बर्बरता से ज़मीन हड़प लेना चाहता है।

