Sunday, September 15, 2024
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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

भंवर सिंह राजपूत

राजस्थान : अपनी लोकविद्या को बचाने का संघर्ष करता एक समुदाय

जयपुर से 12 किमी दूर स्थित स्लम बस्ती 'रावण की मंडी’ जिसमें 40 से 50 झुग्गियां हैं जिनमें लगभग 300 लोग रहते हैं, जो आज भी अपनी आजीविका को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। यह नित्य रोजगार कि तलाश में शहरों का चक्कर लगाते हैं। इनके पास अपनी कला (हस्तकला) है, परन्तु बाजार व बिक्री नहीं होने से उनको बेरोजगारी की मार सहनी पड़ रही है। प्लास्टिक और मशीन से बने उत्पादों ने हाथ से बने सामानों के अस्तित्व पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। इससे इन उत्पादों को बनाने वाले कारीगरों की आर्थिक स्थिति पर भी गहरा असर पड़ा है। ऑनलाइन बाजार ने इनको और भी प्रभावित किया है।