Friday, November 22, 2024
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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

डॉ गरिमा भाटिया

लेखिका पर्यावरणविद हैं।

पर्यावरण संरक्षण और कचरा प्रबंधन करने के लिए नागरिकों को ज़िम्मेदार बनना जरूरी

जिसे हम खराब कहकर अपदस्थ कर देते हैं, वह कचरा नहीं है। फेंकी जाने वाली हर चीज का मूल्य होता है। फलों और सब्जियों के छिलके जो हम फेंक देते हैं, उन्हें पेड़-पौधों के उपयोग में आने वाली बेशकीमती खाद के रूप में बदला जा सकता है। इन छिलकों को अगर हम घर के एक गमले में मिट्टी की तहों से दबाकर रखें तो तीन से चार सप्ताह के अंदर यह तथाकथित कचरा बेशकीमती खाद बन जाता है जो पूरी तरह ऑर्गेनिक और पेड़ पौधों के लिए प्राणदायक है।