Thursday, November 21, 2024
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सतीश भारतीय

मध्य प्रदेश : बरगी बांध के विस्थापित गाँव अब दोबारा नहीं चाहते विस्थापन, अब कर रहे हैं चुटका परियोजना का विरोध

मध्य प्रदेश के मंडला जिले के चुटका गाँव में चुटका परमाणु संयंत्र स्थापित करने की परियोजना प्रस्तावित है। यदि ऐसा होता है, तो अनुमानतः चुटका से सटे करीब 50 गांवों को रेडिऐशन का खतरा झेलना पड़ेगा। जहां चुटका स्थापित होना है, उसके 4 किमी दूर से ही नर्मदा नदी का पानी लिफ्ट करके जलजीवन मिशन के तहत क्षेत्रवासियों को दिया जाएगा। ऐसे में पानी दूषित होने का संकट है। ऐसे में गाँव वाले इस परियोजना का विरोध कर रहे हैं।

इज़राइल जाने वाले मजदूरों के बुनियादी सवालों पर विश्व मानवाधिकार आयोग का रुख़ क्या होगा

मजदूरों को इज़राइल भेजने की  तैयारी तेजी से हो रही है। इस बीच यह खबर भी सामने गई है कि, उत्तर प्रदेश के 10 हज़ार श्रमिकों की परीक्षा होगी। यह परीक्षा और कोई नहीं, बल्कि इज़राइल के परीक्षक ही लेगें। परीक्षा की तारीख 23 से 30 जनवरी तय की गयी है। परीक्षा का आयोजन लखनऊ के अलीगंज में किया जाना है।

इज़राइल में भारतीय मजदूरों की ज़िंदगी दाँव पर लगा रही सरकार

उत्तर प्रदेश सहित देश से मजदूरों को इज़राइल भेजने की आवेदन प्रक्रिया और तैयारी ज़ोरों से की जा रही है। उससे यह कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार मजदूरों को जल्द ही इज़राइल भेजेगी। लेकिन, अभी मजदूरों के जीवन और स्थिति को लेकर भी कई सवाल ऐसे हैं, जिनका जबाव देना बाकी हैं।

मध्यप्रदेश के नौरादेही अभयारण्य में विस्थापन से सहमे हैं मोहली गाँव के लोग

विकास के नाम पर देश के हर हिस्से में गरीब, आदिवासी, दलित, पिछड़े समाज को किसी ना किसी रूप में विस्थापन का दंश झेलना पड़ रहा है। इस विस्थापन में अक्सर विस्थापित होने वाले परिवार के वाजिब हक की भरपाई करने में भी सरकारी तंत्र आनाकानी करता दिखता है। यह विस्थापन शहर की गलियों से होता हुआ अब जंगलों तक जा पहुंचा है। मध्य प्रदेश के नौरादेही अभयारण्य में भी अब विस्थापन की तलवार चलाई जा रही है।  विस्थापन की इस त्रासदी पर सतीश भारतीय की रिपोर्ट -

सागर जिले में पटवारी रिकॉर्ड पर जमीन दर्ज न होने से परेशान है दलित समुदाय

देश का हदय कहे जाने वाले सागर जिले को हरिसिंह गौर की नगरी भी कहते हैं। जिला व्यापक होने से कई वार्डों में बंटा है। यहाँ अंबेडकर वार्ड में करीब 400 परिवारों (दलित) सालों से बसे हैं। लेकिन इनकी जमीन पटवारी रिकॉर्ड में नहीं दर्ज है। जबकि, अपने-अपने जमीन की रजिस्ट्रियां लोगों के पास हैं। ऐसे में निवासी जमीन पर अपना अधिकार जताने में असमर्थ हैं।

समझौता न करने पर दलित युवक की हत्या और माँ को निर्वस्त्र करने की घटना ने म प्र को शर्मसार किया

मध्य प्रदेश में अपराधियों को कानून का कोई खौफ नहीं रहा गया है। दलितों, आदिवासियों के खिलाफ सामने आ रहे ज्यादातर मामलों में सत्ता समर्थक द्वारा ही उत्पीड़न की घटनाएँ सामने आ रही हैं। यह घटना देश के शहरी विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह के निर्वाचन क्षेत्र खुरई में हुई है। 

झाबुआ में औद्योगिक निवेश के लिए जबरन जमीन लिए जाने के विरोध में खड़े हैं आदिवासी समुदाय

विकास का मतलब केवल यह नहीं है कि ऊंची इमारतें खड़ी हों जायें या सड़क निर्माण जैसी अन्य परियोजनाएं स्थापित हो जायें। सही मायने में विकास का मतलब बुनियादी सुविधाओं से वंचित और विस्थापित लोगों के जीवन‌ स्तर में आर्थिक, सामाजिक, शैक्षणिक जैसे अन्य क्षेत्रों में सुधार लाना है। जिससे बुनियादी सुविधाओं से वंचित और विस्थापित लोगों को यह अहसास न हो कि उनके आवास और जमीन जैसे अन्य संसाधन छीनकर सरकार ने अपना और कुछ लोगों का विकास कर दिया।