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उम्मीद चिन्गारी की तरह
झूठ बोलो, झूठ बोलो! कौशल किशोर की कविताएं
झूठ बोलोझूठ बोलो, झूठ बोलो!आंखें नचा-नचा के बोलोमुंह बिरा-बिरा के बोलोउनको चिढ़ा-चिढ़ा के बोलोनजरें चुरा-चुरा के बोलोझूठ बोलो, झूठ बोलो! शब्दों को चबा-चबा के बोलोबातों को रेघा-रेघा...