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Atal Vihari Vajpayi
संविधान से सेक्युलरिज्म और सोशलिज्म को हटाने का मतलब भारत पर हिन्दुत्व और कॉर्पोरेट का अनियंत्रित कब्जा है
वर्तमान सरकार ने संविधान के नए संस्करण में से समाजवाद और सेक्युलरिज्म शब्दों को हटाकर नई संसद में पहले ही दिन और पहले ही अधिवेशन में अपने इरादे को स्पष्ट कर दिया है। वैसे भी इस दल की स्थापना के मूल में सवर्णों का हित सर्वोपरि है, लेकिन धीरे-धीरे संसदीय राजनीति के तकाजे को देखते हुए सतही तौर पर ही सही महिलाओं से लेकर पिछड़ी जातियों के लोगों को भी शामिल किया गया।