TAG
baffat miyan
मिर्ज़ापुर : शायर की क़ब्र पर उगी घास और समय की मांग से बाहर होती जा रही मिर्ज़ापुरी कजरी
उत्तर प्रदेश के लोकगायन में बहुत चर्चित विधा है कजरी। कजरी की बात होने पर मिर्ज़ापुरी कजरी और लोककवि बप्फ़त का नाम आना सहज है। दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं। आज भले ही कजरी गायन की रौनक कम हो रही है लेकिन कजरी लेखक बफ़्फ़्त की लिखी कजरी आज भी गाई और सुनी जाती हैं। बेशक उनकी कब्र वीरान पड़ी है, उन्हें याद करने वाले कम हो गए हों लेकिन जब-जब कजरी की बात होगी बप्फ़त की याद जरूर आएगी।