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Books
जो जीवन देखा गया वही उतरा कविता में
भोजपुरी के आधुनिक कवियों में चंद्रदेव यादव एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। चंद्रदेवजी लोकधर्मी होने के साथ-साथ प्रयोगधर्मी भी हैं। भोजपुरी में छंद मुक्त कविताएं...
नया सत्र आरम्भ होते ही स्कूलों में शुरू हो गया कमीशन का खेल
एनसीईआरटी की 256 पन्नों की एक किताब 65 रुपये की है जबकि निजी प्रकाशक की 167 पन्नों की किताब 305 रुपये में मिल रही है। ऐसी कौन की किताबें स्कूल पढ़ा रहा है जो 500 से 600 रुपये में मिल रहीं हैं। इतनी महंगी तो बीए-एमए की किताबें भी नहीं आतीं। पहले बड़े बच्चे की किताबों से उनका छोटा बच्चा पढ़ लेता था क्योंकि किताबें वही रहती थी। अब बड़े बच्चों की किताबें छोटा बच्चा प्रयोग नहीं कर पाता क्योंकि हर साल जान-बूझकर किताबों में कोई न कोई बदलाव कर दिए जाते हैं।
ज़रूरत के बंधन से मुक्ति के आकाश तक
(केरल की महिला किसानों द्वारा की जा रही साझा खेती का अध्ययन)
पिछले दिनों एक पुस्तक का विमोचन दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब में हुआ जिसका...

