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Caste should end before reservation and caste cannot end without equality.
वंचितों के लिए न्याय के एजेंडे पर हो भारत बंद
एक अगस्त को आए कोर्ट के फैसले बाद उपवर्गीकरण में लाभ देख रहे समूहों में आरक्षण के कथित हकमारों के प्रति जो शत्रुता का भाव पनपा है, वह प्रायः स्थाई हो गया है। इसलिए कोर्ट का फैसला पलटने से भी एकता के मोर्चे पर बहुत लाभ नहीं होगा, क्योंकि अनग्रसर समूहों मे अग्रसर समूहों को हकमार वर्ग के रूप में देखने की मानसिकता विकसित हो चुकी है, जिसमें निकट भविष्य में बदलाव आता कठिन लग रहा है।
आरक्षण से पहले जाति समाप्त हो और बिना बराबरी के जाति नहीं समाप्त हो सकती
डॉ.एन.सिंह हिन्दी दलित साहित्य का प्रतिष्ठित एवं जाना-पहचाना नाम है | उनका जन्म 1 जनवरी 1956 को सहारनपुर जनपद ,उ.प्र.के चतरसाली गांव में एक...