बिहार विधानसभा में भाजपा विधायक ललन पासवान ने जो आवाज उठायी है, वह महाराष्ट्र में भी गूँजनी चाहिए और राजस्थान में भी। दोनों राज्यों में परस्पर विरोधी सरकारें हैं। कांग्रेस के भीतर का ब्राह्मणवादी तंत्र और उसके दरवाजे पर दस्तक दे रहा ब्राह्मणवादी तंत्र बहुत आसानी से इस लड़ाई में कांग्रेस को साथ नहीं आने देगा। लेकिन जाति और धर्म से ऊपर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व शायद इस मुहीम को समझे। आंबेडकर-फुलेवादी साथी जहां हैं वहां की सरकारों के विपक्ष के जरिये इस मुद्दे को उठाएं: दलगत सीमाओं से ऊपर जाकर।