देश के पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव भी चल रहे थे, लेकिन जैसे ही पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव समाप्त हुए उसी के साथ पेट्रोलियम कंपनियों ने डीजल और पेट्रोल के दाम बढ़ाने शुरू कर दिए। केंद्र सरकार ने जितनी एक्साइज ड्यूटी कम की थी उससे कहीं अधिक दाम पेट्रोलियम कंपनियों ने बढ़ा दिए।