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Devendra Raj Suthar
सरकारी योजनाओं के बावजूद आर्थिक कठिनाइयों का सामना करतीं विधवाएं
अंतर्राष्ट्रीय विधवा दिवस (23 जून) पर विशेष
जालोर (राजस्थान)। आज़ादी के सात दशकों बाद भी देश में कुछ जातियां, समुदाय और वर्ग ऐसे हैं, जो...
उचित परिवेश के बिना संभव नहीं है लड़कियों की शिक्षा
सह-शैक्षिक संदर्भों में लड़कों की तुलना में लड़कियों के भाग लेने की संभावना अधिक होती है। लेकिन पाठ्येतर समूहों और गतिविधियों में नेतृत्व की भूमिका निभाने की संभावना कम होती है। बालिका स्कूलों में लड़कियां नेतृत्व की भूमिकाओं को अपनाने में कम हिचकिचाहट दिखाती हैं और स्कूल समुदाय के भीतर संभावित अवसरों के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया देती हैं।