ऐसे दौर में जबकि किसान भुखमरी और कर्ज़ के बोझ से दबकर आत्महत्या कर रहे हैं,और पूंजीपतियों का क़र्ज़ माफ़ किया जा रहा है। ऐसे वक्त में कॉमरेड अतुल कुमार अंजान के दिखाए गए संघर्ष के रास्ते की अहमियत बहुत बढ़ जाती है। राहुल सांकृत्यायन सृजनपीठ, भुजौटी के सभागार में किसान नेता कॉमरेड अतुल कुमार अनजान महासचिव अ. भा. किसान सभा, की स्मृति में 'गहराता कृषि संकट : जनमानस के समक्ष चुनौतियां' विषय पर एक विचार गोष्ठी व श्रद्धांजलि का आयोजन किया गया।
गागलहेड़ी इलाके के गांव रसूलपुर पापड़ेकी में किसान विनोद कुमार ने बैंक के कर्ज में डूबे होने के कारण आत्महत्या कर ली। मृतक किसान के बेटे ने बैंक कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है।
कृषि क्षेत्र में रोजगार लगातार घट रहा है। भारत में 1972-73 में कृषि क्षेत्र में 74 प्रतिशत लोगों को रोजगार देता था, वहीं 1993-94 में 64 प्रतिशत और अब केवल 54 प्रतिशत लोगों को रोजगार देता है। इसी तरह, सकल घरेलू उत्पाद में कृषि का हिस्सा 1972-73 में 41 प्रतिशत, 1993-94 में 30 प्रतिशत और अब घटकर मात्र 14 प्रतिशत रह गया है।