शहर चाहे कितना भी सुंदर और व्यस्व्थित हो लेकिन कुछ क्षेत्रों में स्लम एरिया होते हैं, जहाँ के बच्चे शिक्षा,स्वास्थ्य और बुनियादी जरूरतों के अभाव में ज़िन्दगी गुजारने को मजबूर रहते हैं। इसका मुख्य कारण आर्थिक अभाव के साथ-साथ काम के सिलसिले में पलायन है। जिसकी वजह से बड़े होने के बाद, इनके क्या अधिकार हैं , समझने में असमर्थ होते हैं।
केंद्र सरकार की 'वन नेशन, वन राशन कार्ड' योजना ने प्रवासी मज़दूरों की समस्या को दूर कर दिया है। अब मज़दूर अपने प्रवास स्थान पर भी अपने राशन कार्ड के माध्यम से सस्ता अनाज खरीद कर परिवार का भरण पोषण करने में सक्षम हो रहे हैं। यह योजना 'डिजिटल इंडिया' की दिशा में भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे राशन वितरण में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ी है। इस योजना ने रोजगार के लिए पलायन करने वाले लाखों प्रवासी मजदूरों की पोषण संबंधी जरूरतों को पूरा किया है।
ग्रामीण क्षेत्रों के आदिवासियों का रोजगार की तलाश में परिवार सहित पलायन, उनके बच्चों को शिक्षा से दूर कर देता है। आर्थिक समस्या के कारण परिवार भी शिक्षा के महत्व को समझ नहीं पाता है। सरकार द्वारा कई सरकारी योजनाओं के संचालित किये जाने के बाद भी आदिवासियों की आर्थिक समस्याओं का निदान नहीं हो पा रहा है।
वर्तमान में महिलाओं पर होने वाले अत्याचार और शोषण के मामलों में लगातार इजाफा हुआ है, जिसके लिए सरकार की ओर से महिलाओं की सुरक्षा के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं और कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त 24 घंटे महिला सुरक्षा हेल्पलाइन भी संचालित की जा रही है। इसके लिए स्कूल और कॉलेज में विशेष अभियान चला कर लड़कियों को जागरूक किया जा रहा है। किशोरियों को इसकी उपयोगिता और महत्ता के बारे में बताना चाहिए ताकि लड़कियां इसका उपयोग कर स्वयं को अनहोनी से बचा सकें।
देश के दूरदराज़ और सभी ग्रामीण क्षेत्रों में आंगनबाड़ी केन्द्रों की स्थापना 3 से 5 वर्ष तक के नौनिहालों को आकर्षित करने के उद्देश्य से किया गया है, जहां बच्चों को पूर्व प्राथमिक शिक्षा के अतिरिक्त उनके पौष्टिक खानपान का विशेष व्यवस्था की गई है। लेकिन सुरक्षा और देखरेख के अभाव में माएं निश्चिंत हो अपने बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्र भेजने से बच रही हैं क्योंकि आंगनवाड़ी केंद्र संचालन के लिए तय किए हुए मापदंड पूरा नहीं कर रहे हैं। सवाल यह उठता है कि दूरदराज और गांवों में रहने वाले 3 से 5 वर्ष के बच्चे फिर कहाँ जाए?
पिछले कुछ वर्षों से हमारे देश में ऑनलाइन सिस्टम काफी तेजी से अपने जड़ें जमा चुका है। सारे कार्य ऑनलाइन हो चुके हैं फिर चाहे वो सरकारी हो या गैर सरकारी। लेकिन फिर भी देश की आधी आबादी तक यह ऑनलाइन सिस्टम नहीं पहुँच पाया है, कारण है अभी भी शिक्षा की कमी। शिक्षा के अभाव में आज भी ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को सरकारी योजनाओं की सूचना नहीं मिल पाती और न ही वे इन योजनाओं का लाभ उठा पाते हैं।
सरकार गरीबों केलिए अनेक योजनाएं लागू करती है लेकिन शिक्षा के अभाव में ये लोग योजना का फायदा कैसे और कब उठाना, मालूम नहीं कर पाते है। यदि किसी योजना की जानकारी मिलती भी है तो उसे पाने के लिए जानकार लोगों के पास भटकते रहते हैं। इस वजह से मजदूरी करना इनकी मजबूरी हो जाती है।
किसी भी शहर और गाँव के विकास का पहला मापदंड होता है, वहाँ की सड़कें। यदि सड़कें जर्जर है तो यही बात सुनाई देती है कि वहाँ कोई विकास नहीं हुआ है क्योंकि एक बेहतर सड़क से विकास के सारे रास्ते खुलते हैं। जीवन आसान होता है।