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Karl Marx
हिन्दू धर्म त्यागकर क्यों प्रसन्न थे डॉ. अम्बेडकर
मैं आज बहुत ही प्रफुल्लित हूं। मैं जरूरत से ज्यादा प्रसन्न हूं। मैंने जिस क्षण हिन्दू धर्म छोड़कर बौद्ध धर्म स्वीकार किया है, मुझे...
मनुवाद पर चौतरफा प्रहार का सही समय
सभी समाजों के स्त्री-पुरुषों के संख्यानुपात में बंटवारे के लिए वंचितों का संयुक्त मोर्चा खोला जाय तो हिन्दू उर्फ़ ब्राह्मण-धर्म की रक्षक भाजपा बहुजन आकांक्षा के सैलाब को झेल नहीं पायेगी और 2024 में तिनकों की भांति बह जाएगी। अगर हम ऐसा नहीं कर सके तो 2024 में सत्ता में आकर भाजपा वह कर देगी कि बहुजन शक्ति के स्रोतों में भागीदारी का सपना देखना छोड़ देंगे!

