राज्य में आय का एक बड़ा स्रोत होने के बावजूद ग्रामीण रोज़गार के लिए शहर जाने को मजबूर हो जाते हैं। दूसरी ओर इन संसाधनों के अंधाधुंध इस्तेमाल से अब यह सीमित मात्रा में रह गए हैं। यदि तेज़ी से संसाधनों का पलायन न रोका गया तो उत्तराखंड और विशेषकर उसके ग्रामीण क्षेत्रों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है क्योंकि मानव की अपेक्षाएं असीमित हैं, लेकिन प्राकृतिक संसाधनों की मात्रा सीमित है।