बनारस की नट बस्तियों में रहने वाले लोगों के लिए आज़ादी का अमृत महोत्सव महज एक दिखावा बनकर रह गया है। वर्षों से उपेक्षित इस समुदाय के लोग, जो पारंपरिक कला और नृत्य के माध्यम से जीवन यापन करते हैं, आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।
सरकार ग्रामीण जनता के विकास को ध्यान में रखते हुए अनेक योजनाएँ चलाती है, इसके बाद भी इन योजनाओं का पूरा लाभ ग्रामीण नहीं उठा पाते। एक ही गाँव में कुछ लोगों को योजना का लाभ मिल जाता है और कुछ लोग इससे वंचित रह जाते हैं। लेकिन राजस्थान का धुवालिया नाडा गाँव में सभी लोगों को सरकार की सभी योजनाओं का लाभ मिला है। यहाँ के ग्रामीण क्या कह रहे हैं पढ़िये इस कहानी में-
इंदिरा आवास योजना का उद्देश्य यह है कि आर्थिक रूप से कमजोर लोग, जिनके पास रहने के लिए घर नहीं है और वह अपनी जिंदगी झुग्गियों-बस्तियों में रहकर गुजारा करते हैं। इसके अंतर्गत जिनके पास घर खरीदने के लिए भी पैसे नहीं होते हैं, ऐसे लोगों को पक्के मकान उपलब्ध कराना होता है।