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Public Distribution System
किसान रहे ठनठनगोपाल : सरकारी खरीद और समर्थन मूल्य की कोई गारंटी नहीं
किसानों को लाभकारी मूल्य पर अपनी फसल बेचने की सहूलियत देने के लिए कृषि उपज मंडियों का निर्माण किया गया था, जिसका उद्देश्य था कि घोषित समर्थन मूल्य से कम पर यहां किसानों के फसल की खरीदी नहीं होगी। लेकिन अब देश में ऐसी कोई भी मंडी नहीं है, जहां इस बात की गारंटी हो। अनाज व्यापारियों को मंडियों से ही खरीदने की बाध्यता खत्म कर दिए जाने के बाद अब ये मंडियां बीमार हो गई है। इस तरह किसानों को न तो खरीद की, न समर्थन मूल्य की और न ही वितरण व्यवस्था की कोई गारंटी प्राप्त है। किसान लगातार परेशान हैं और आत्महत्या जैसा घातक कदम उठाने को मजबूर हैं।
राजस्थान : राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के बावजूद जन वितरण प्रणाली में अनियमितता
केंद्र सरकार का यह दावा है कि देश की 80 करोड़ जनता को राशन मिल रहा है। लेकिन वन नेशन वन राशन का फायदा कुछ लोगों को ही हो रहा है। वंचित समुदाय के के लोग आज भी इस सुविधा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।