राजघाट वाराणसी स्थित सर्व सेवा संघ परिसर के पुनर्निर्माण के संकल्प के साथ विनोबा जयंती, 11 सितंबर 2024 से प्रारंभ 100 दिन का सत्याग्रह- न्याय के दीप जलाएं का कल 19 दिसंबर 2024 को 100 दिन पूरा हो जाएगा। इसके लिए देश भर से गांधीवादी कार्यकर्ता वाराणसी पहुँच रहे हैं।
गांधी विरासत को बचाने के लिए प्रशासनिक दबाव के चलते सर्व सेवा संघ परिसर के सामने से स्थानांतरित होकर शास्त्री घाट में चल रहे सत्याग्रह का आज 98 वां दिन है।
'न्याय का दीप जलाएंगे, 100 दिनी सत्याग्रह' में आज सत्याग्रह के 89 वें दिन नर्मदा बचाओ आंदोलन एवं जन आंदोलनों का राष्ट्रीय समन्वय की नेत्री मेधा पाटकर उपवास पर बैठी, उन्होंने सरकार को घेरते हुए कहा कि देश में आम जनता रोजी-रोटी, गरीबी, भूखमरी झेल रही है। उसका लगातार शोषण हो रहा है लेकिन सरकार पूँजीपतियों के लिए देश की विरासत को तहस-नहस करने में व्यस्त है क्योंकि यह जनता की नहीं बल्कि पूंजीपतियों की सरकार है।
आज जहाँ हरियाणा और पंजाब के किसानों को दिल्ली आने से रोकने के लिए हजारों पुलिस वालों को सीमा पर डंडे, हथियार और पानी के टैंकों के साथ तैनात किया गया ताकि किसान दिल्ली में प्रवेश न कर पाए, वहीँ आज वाराणसी में न्याय के दीप जलेंगे, 100 दिनी सत्याग्रह में बैठे लोगों उठाकर भगा दिया और 87वें दिन उपवास कर रहे 4 लोगों को गिरफ्तार कर सत्याग्रह बंद करवा दिया। यह सोचने वाली बात है कि सरकार शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे आन्दोलन को जबरन बंद करवा अभिव्यक्ति के संवैधानिक अधिकारों को खत्म करने का काम कर रही है। अगस्त 2023 में सर्व सेवा संघ परिसर में रह रहे लोगों को बेदखल कर वहां बने हुए घर और संस्थान पर बुलडोजर चलवाकर ज़मींदोज़ करवा दिया गया ताकि वहां अदानी-अम्बानी के माल बन सके। यह सरकार विरासत सहेजने की बजाय उसे ध्वस्त करने पर भरोसा करती है।
सत्ता में भाजपा के आने के बाद गाँधी से जुड़े संस्थानों और उनके विचारों पर लगातार हमले हो रहे हैं। उनकी विरासत पर कब्ज़ा कर, उन्हें लगातार ध्वस्त करने की प्रक्रिया और लोकतंत्र को विकृत करने के खिलाफ गांधीवादी लोग आम जनता तक, इन बातों को पहुंचाने का काम कर रहे हैं। पिछले वर्ष वाराणसी में सर्व सेवा संघ परिसर को पूरी तरह खत्म करने के बाद 11 सितम्बर 2024 से 100 दिनी सत्याग्रह की शुरुआत की गई।
अफलातून दीवाल पर लगी एक नोटिस की तरफ इशारा करते बताते है कि एविक्शन का एक आर्डर 27 जून को आया था (जो सर्व सेवा संघ के प्रकाशान भवन के सामने चस्पा था) जिसमें 30 जून तक खाली करने का आदेश था। जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश एक बार आ गया तो उन्हें एविक्शन का एक फ्रेश आर्डर देना चाहिए था। क्या ऐसा कोई आर्डर अभी प्रशासन के पास है या प्रशासन ने सर्व सेवा संघ को ऐसी कोई नोटिस हाल-फ़िलहाल में जारी की है?