हिन्दुत्ववादी राजनीति का हमारे उत्सवों पर पड़ा प्रभाव उस राजनीति के बारे में बहुत कुछ कहता है। जिस प्रकार इनमें से कुछ त्योहारों को हथियार बना लिया गया है, यह शर्मनाक है। हिंदू राष्ट्रवादियों का एक छोटा सा समूह भी धार्मिक जुलूस होने का दावा करते हुए अल्पसंख्यकों की बस्तियों से जाने की जिद कर सकता है। राजनैतिक और गाली-गलौज भरे नारे लगाकर और हिंसक गाने और संगीत बजाकर वह कोशिश करता है कि वहां के निवासी युवक भड़क जाएं और उन पर एकाध पत्थर फेकें। इसके आगे का काम सरकार करती है।
लोकसभा चुनाव 2024 में सबसे बड़ा मुद्दा जातिगत जनगणना कराने का था जिसे इण्डिया गठबंधन ने बहुत मजबूती से आगे बढ़ाया है। जाति का मुद्दा आर एस एस के लिए टेढ़ी खीर बन गया है। क्योंकि उसे पता हैं कि जातिया अपना अधिकार मांगने लगी तो उनका हिंदुत्व बिखर जायेगा। जिसे बचाने के लिए वह तमाम संदर्भ दे रहे हैं। इसी को लेकर राम पुनियानी की रिपोर्ट।