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Santosh dev Giri
जंगलों-पहाड़ों, गांव-गिरांव से होते हुए नगरों की ओर बुलंद होती आवाज- वन अधिकार कानून 2006 जुबान पर नहीं धरातल पर हो लागू
संथाली भाषा हूल का हिंदी अर्थ क्रांति होता है। 1854 और 1855 में झारखंड के जंगलों एवं खनिज संपदाओं की लूट के खिलाफ सिद्धू, कानु, भैरव, चांद के नेतृत्व में संथाल परगना के आदिवासियों ने अंग्रेजी हुकूमत की खिलाफत और विद्रोह का ऐलान कर दिया था। आदिवासियों ने अंग्रेजों से जंगलों को मुक्त करने की ठानी थी।
मीरजापुर- सरकारी विज्ञापन में बेमिसाल पर सच्चाई में बदहाल
मीरजापुर। विकास के तमाम दावों के बीच मीरजापुर की जनता मूलभूत सुविधाओं के लिए आज भी परेशान है। ऊबड़-खाबड़ सड़क, बजबजाती नालियां, जल निकासी...

