आरएसएस के विचारक यह दावा करते हैं कि हिन्दू धर्म सहिष्णु और समावेशी है, लेकिन हकीकत इससे बहुत अलग है। भागवत दंभपूर्ण लहजे में कहते हैं, ‘हिन्दू वह है जो दूसरों की आस्थाओं को नीचा दिखाए बिना अपने मार्ग पर चलने में विश्वास रखता है और दूसरों की आस्था का अपमान नहीं करता, जो इस परंपरा और संस्कृति का पालन करते हैं, वे हिन्दू हैं।' संघ संचालक प्रमुख कोई भी दावा करें लेकिन लेकिन वातविकता क्या है,यह सबके सामने है।