Thursday, December 5, 2024
Thursday, December 5, 2024




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsSc sub ouota

TAG

sc sub ouota

दलितों के वर्गीकरण से पहले संविधान और सफाईकर्मियों की समझ जरूरी है – डॉ. रत्नेश कातुलकर

सुप्रीम कोर्ट ने अभी हाल ही में अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में वर्गीकरण और इसमें क्रीमी लेयर लगाने का सुझाव दिया है। यह ऐसा फैसला है, जिसका कुछ लोग स्वागत कर रहे हैं तो काफी लोग विरोध भी। यह मामला दलितों के भीतर सफाई के काम व अन्य अस्वच्छ माने जाने वाले कामों में संलग्न जातियों का है, जिनके बारे में आम लोगों को सीमित जानकारी है। वे मान्यताओं के आधार पर जानकारी रखते हैं। यह अज्ञानता न सिर्फ सामान्य लोगों में ही नहीं बल्कि प्रख्यात चिंतक योगेंद्र यादव तक में नज़र आई। जिन्होंने इस निर्णय पर अपने आलेख और इंटरव्यू से सबका ध्यान आकर्षित किया है। इस समस्या की वास्तविकता को जानने के लिये हमने सफाईकर्मी जाति समूह पर अध्ययन करने वाले समाज वैज्ञानिक डॉ. रत्नेश कातुलकर से विस्तार जानना चाहा है। जिन्होंने उत्तर भारत के हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश और छ्त्तीसगढ़ राज्यों के सफाईकर्मी समुदाय का एक लम्बे समय तक अध्ययन किया है। इस पर उन्होंने अपनी किताब ‘ऑउटकास्ट्स ऑन मार्जिन्स: एक्स्क्लुज़न एंड डिस्क्रिमिनेशन ऑफ स्केवेंजिंग कम्युनिटिस’ लिखी है। पेश है इस मामले में डॉ. सुरेश अहिरवार की डॉ. रत्नेश कातुलकर से बातचीत 

ताज़ा ख़बरें