किसी भी देश की आर्थिक असमानता उस देश के सामाजिक जीवन को पूरी तरह से प्रभावित करती है। भारत जैसे बड़े लोकतान्त्रिक देश में वर्ल्ड इनइक्वालिटी लैब की ताजी रिपोर्ट से यह बात सामने आई है कि पिछले दस वर्षों में सवर्णों की संपत्ति में हिस्सेदारी उत्तरोत्तर बढ़ती गई है, जबकि ओबीसी और एससी की हिस्सेदारी में हर वर्ष गिरावट आई है। जब तक स्थिति यही रहेगी, कभी भी समानता की कल्पना नहीं की जा सकती।