शिक्षा के जरिए ही प्रत्येक व्यक्ति के जीवन से अज्ञानता, अंधविश्वास एवं रूढ़िवादी सोच दूर होती है। व्यक्ति में वैज्ञानिक सोच और भौतिक-अभौतिक, विज्ञान...
जागरुकता के अभाव में गांव में निरक्षर लोग चिकित्सकीय उपचार से ज्यादा जादू-टोना, झांड़-फूंक, ताबीज और टोटकों में विश्वास करते हैं। इसकी दूसरी वजह गांव के चंद शिक्षित लोगों का भी जादू-टोना, झांड़-फूंक आदि में विश्वास करना है। हालांकि यह जरूर है कि शिक्षा और जागरुकता की वजह से नई पीढ़ियों की मानसिकता बदली है। वे अंधविश्वास व रूढ़ियों में तर्क खोजते हैं। यह इस बात को भी साबित करता है कि जब तक समाज के प्रबुद्धजनों व शिक्षित लोगों की मनःस्थिति नहीं बदलेगी, तब तक समाज से रूढ़ियां और अंधविश्वास जैसी चीजे़ं अपनी जड़े जमाई रहेगी।