स्वास्थ्य केन्द्रों की हालत तो ऐसी है कि जहां बड़े इलाज तो दूर की बात है, यदि किसी को चोट लगने से शरीर पर घाव हो जाए या कट जाये तो टांके तक किए जाने की सुविधा नहीं है। पर्वतीय क्षेत्रों में आधुनिक मशीनों के अलावा विशेषज्ञों व स्वास्थ्य कर्मचारियों की भी कमी है। कहीं डॉक्टर हैं तो पैरा मेडिकल स्टाफ नहीं हैं, कहीं स्टाफ हैं तो डॉक्टर के पद खाली हैं, कहीं दोनों हैं तो आधुनिक उपकरण नहीं है।
स्वास्थ्य के अधिकार कानून बनाने के पक्ष मे हस्ताक्षर कराये गए
केंद्र एवं राज्य स्तर पर स्वास्थ्य आयोग का गठन हो
प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति को भेजा जाएगा ज्ञापन
वाराणसी...