गांव में मनरेगा के अतिरिक्त रोजगार का कोई अन्य विकल्प नहीं है, इसलिए जब लोगों को मनरेगा के अंतर्गत काम नहीं मिलता है तो वह या तो मजदूरी करने शहर जाते हैं अथवा गांव से पलायन कर महानगरों या औद्योगिक शहरों की ओर चले जाते हैं। वर्ष 2024-25 के बजट में मनरेगा समेत रोजगार के कई क्षेत्रों में बजट आवंटन को बढ़ाया गया है। देखना यह होगा कि आने वाल समय में मनरेगा मजदूरों को काम मिलने के बाद समय पर उचित भुगतान मिलेगा या नहीं?
सरकार प्रधानमंत्री आवास योजना, प्रधानमंत्री बीमा सुरक्षा योजना, लकड़ी और धुएं वाले चूल्हे से महिलाओं को मुक्ति दिलाने के लिए उज्ज्वला योजना तथा शिक्षा, कृषि और चिकित्सा जैसे सुरक्षा की कई योजनाओं को धरातल पर लागू करने के लिए प्रयासरत है। परंतु इसके बावजूद इनमें से कई ऐसी योजनाएं हैं जिसका लाभ मनोहर पुरा गांव को नहीं मिल पा रहा है।