अमरनाथ अजेय
लेखक वरिष्ठ साहित्यकार और स्वतंत्र पत्रकार हैं। फिलहाल रॉबर्ट्सगंज में रहते हैं।
ग्राउंड रिपोर्ट
राबर्ट्सगंज घसिया बस्ती : जगह खाली करने का फरमान लेकिन पुनर्वास का कोई ठिकाना नहीं
अपनी जड़ों से कटकर विस्थापित होना इस देश के आदिवासियों की नियति बन चुकी है क्योंकि तथाकथित विकास अब जंगलों से होता हुआ उन हिस्सों में पहुँच चुका है, जहां आदिवासी कम संसाधनों में ही अपना जीवनयापन कर रहे हैं। रॉबर्ट्सगंज के चुर्क इलाके में घसिया बस्ती में रहने वाले आदिवासियों को दूसरी बार विस्थापित करने की तैयारी सरकार कर चुकी है। फिलहाल वे सरकारी जमीन पर ही पिछले 35 वर्षों से रह रहे हैं लेकिन विस्थापन की सूचना आते ही वे डरे और घबराए हुए हैं। पढ़िये, उनकी स्थिति का जायज़ा लेने पहुंचे अमरनाथ अजेय की ग्राउंड स्टोरी