Wednesday, December 4, 2024
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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

ऋचा पांडे

लेखिका गया (बिहार ) में रहती हैं।

बिहार : लड़कियों को स्कूल जाने और शिक्षित होने के मौके आज भी कम हैं

देश में जेंडर विभेद आज भी हो रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में देखा जाय तो लड़कियों को पढ़ाने के बदले घर की जिम्मेदारियों को उठाने कहा जाता है। विशेषकर आर्थिक रूप से असक्षम परिवारों में देखने को मिलता है। अगर बिहार की बात करें तो 2011 की जनगणना के अनुसार देश में महिला साक्षरता का राष्ट्रीय औसत जहां करीब 65 प्रतिशत रहा, वहीं बिहार में महिला साक्षरता की दर मात्र 50.15 प्रतिशत दर्ज किया गया है। जो राष्ट्रीय औसत से काफी कम है।