अर्थव्यवस्था
राजस्थान के लोहार समुदाय के अस्तित्व और संघर्ष की कहानी : जब बर्तन बिकेंगे, तब खाने का इंतजाम होगा
लोहे के बर्तन बनाना लोहार समुदाय के लिए केवल एक व्यवसाय नहीं, बल्कि उनकी पहचान और अस्तित्व का प्रतीक है। लेकिन बदलते समय के साथ उनके लिए रोज़ी रोटी चलाना मुश्किल होता जा रहा है। नयी तकनीक, सस्ते विकल्प और बदलते उपभोक्ता व्यवहार ने उनके पारंपरिक काम को संकट में डाल दिया है।
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राजस्थान : शिक्षा और रोजगार की कमी से जूझता कालबेलिया समुदाय
कालबेलिया सदियों से एक घुमंतू समुदाय के रूप में दर्ज रहा है। ऐतिहासिक रूप से इन्हें सांप पकड़ने वाला समुदाय माना जाता है। यह एक जगह स्थायी निवास की अपेक्षा गांव के बाहर खुले मैदानों या चरागाहों में अपना पड़ाव डाला करते थे। वर्तमान में इस समुदाय में साक्षरता की दर कम है। वहीं सरकार की ओर से कई कल्याणकारी योजनाएं चलाने के बावजूद रोज़गार के मामले में इस समुदाय को अभी भी काफी विकास करने की आवश्यकता है।