Sunday, September 8, 2024
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पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

शालिनी जायसवाल

मंडलवादी राजनीति शक्तियां एकजुट रहतीं तो देश को आज यह फासीवादी दौर नहीं देखना पड़ता – अली अनवर

भारत का इतिहास मंडल के पहले और बाद जिस तरह की बहुजन चेतना से जाग्रत हुआ है वह अभूतपूर्व है। अगर मंडलवादी राजनीति शक्तियां एकजुट रहतीं तो देश को आज यह फासीवादी दौर नहीं देखना पड़ता। आरक्षण को बचाने के लिए न्यायपालिका एवं सदन की लड़ाई के साथ-साथ सड़क पर भी मोर्चा बनाना पड़ेगा। देश के किसानों ने हमें आंदोलन का जो रास्ता दिखाया है, उसी मार्ग पर आगे बढ़कर बिहार के पिछड़ों के विस्तारित आरक्षण को बचाया जा सकता है। पटना में हुये कार्यक्रम की एक रिपोर्ट।

आजमगढ़ : राहुल सांकृत्यायन और हरिऔध की प्राथमिक पाठशाला की ज़मीन भू-अभिलेख से गायब होने पर सवाल

आजमगढ़ के निजामाबाद में जमीन के दो मामलों को लेकर किसान नेताओं ने एसडीएम को ज्ञापन सौपा।

वाराणसी : कठपुतली के माध्यम से छात्रों ने समझा संवैधानिक मूल्य

रोचक तरीके से संवैधानिक मूल्यों से बच्चों को परिचित कराने के लिए कठपुतली की प्रस्तुति के माध्यम से बच्चों को संविधान के बारे में बताया गया।

आजमगढ़ में किसान नेता की धान की खड़ी फसल तबाह कर लेखपाल व थानाधायक्ष ने किया अवैध तरीके से निर्माण

इस सरकार ने सबसे ज्यादा जिसे नुकसान पहुंचाया है तो वह है किसान। देश का किसान लगातार सड़कों पर उतर कर अपने अधिकार की लड़ाई के लिए आंदोलनरत है। उसे रोज नई मुसीबतों से जूझना पड़ रहा है। सरकार भले ही खुद को किसानों का हितैषी माने लेकिन वास्तविकता कुछ और ही है।

भदोही : आखिर क्यों रेफरल अस्पताल बनकर रहा है सौ शय्या वाला जिला अस्पताल

छोटे शहरों और जिलों में क्या मरीज केवल रिफर होने के लिए अस्पताल खोले जाते हैं? इस सवाल के जवाब में पूर्वाञ्चल के भदोही जिले की स्वास्थ्य सुविधाओं का हाल यही हो गया है। यहाँ आने वाले मरीजों को दूसरे जिलों में रिफर कर दिया जाता हैं। जबकि अस्पताल के अधिकारियों का कहना है यहाँ सभी जरूरी सुविधाएं और आधुनिक जांच मशीनें मौजूद हैं।