इस मामले में महाराष्ट्र का विदर्भ एवं मराठवाड़ा क्षेत्र सुर्खियों में रहा है। वर्ष 1991 से आर्थिक नीतियों में आए बदलाव का असर कृषि एवं ऋण व्यवस्था पर भी पड़ा है। एक ओर किसानों को उसकी उपज का न्यूनतम मूल्य नहीं मिलता, दूसरी ओर, सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली अंतर्गत मिलने वाले राशन को घटा दिया है। किसानों के लिए बनी अनुदान योजनाओं में भी अनुदान कृषि उद्योगों, विद्युत वितरण कंपनियों, कृषि उपयोग में आने वाले वाहन निर्माताओं को दिया जाता है। इस अनुदान का लाभ भी किसानों को नहीं मिलता।