Wednesday, July 2, 2025
Wednesday, July 2, 2025




Basic Horizontal Scrolling



पूर्वांचल का चेहरा - पूर्वांचल की आवाज़

होमTagsसंघटना

TAG

संघटना

बाल बंधुआ से सामाजिक कार्यकर्ता बनने वाली सखुबाई की कहानी

‘संघटना’ के गांव में लाए जाने के पहले औरतें अपने पतियों द्वारा प्रताड़ित की जाती थीं। वे खेतों में कड़ी मेहनत करती हैं और जब पति घर लौटती है तो पति हुकुम चलाते हैं - पानी लाओ, दारु लाओ, आदि। ऊपर से पीटते भी हैं। अब संघटना के कारण बांदघर मे हम पतियों से नहीं डरतीं और न ही पुलिस और वन अधिकारियों से। पहले पति मुझे पीटा करते थे। अब मैं उनसे सीधे कह देती हूं कि अगर मुझ पर हाथ उठाया तो मेरा भी हाथ उठ जायेगा। मुझे तुमसे डर नहीं लगता, मैं भी पलटकर जवाब दूंगी।

ताज़ा ख़बरें

Bollywood Lifestyle and Entertainment