उत्तर प्रदेश के खीरी जिले के रोजगार अधिकारी से 10 डाक सहायकों की भर्ती के लिए योग्य उम्मीदवारों की सूची मांगी। जिसमें अंकुर गुप्ता का नाम भी था। लिखित परीक्षा के साथ टाइपिंग और कंप्यूटर योग्यता को देखने के लिए परीक्षा हुई। उसके बाद इंटरव्यू लिया गया जिसमें अंकुर का मेरिट लिस्ट में नाम आया। सफल उम्मीदवारों के लिए पंद्रह दिन का प्री इंडक्शन प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम आयोजित हुआ। लेकिन इसके बाद 1996, मार्च में मुख्य पोस्ट जनरल ने अलग-अलग पोस्टमास्टर जनरल को पत्र के माध्यम से सूचना दी कि उम्मेदवार को बारहवीं कक्षा व्यावसायिक स्ट्रीम से पास की होना चाहिए। लेकिन अंकुर ने यह नहीं किया था, इसी वजह से उन्हें आगे के प्रशिक्षण के लिए नहीं भेजा गया, जिसके बाद अंकुर द्वारा अन्य असफल उम्मीदवारों के साथ केन्द्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) में मुकदमा किया गया।