दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती में हुई अनियमितता की खबर कोई पहली खबर नहीं है बल्कि ऐसी खबरें सोशल मीडिया के माध्यम से लगातार सामने आ रही हैं। एनएफएस हो या आरक्षण का मामला हो, इनसे संबंधित गड़बड़ियाँ जानबूझकर की जा रही हैं क्योंकि संस्थानों में ऊंचे पदों पर बैठे लोग सरकार की कठपुतलियाँ हैं। सरकार की मंशा ही है कि पिछड़े, अल्पसंख्यक और दलित समाज के युवा योग्य होने के बाद भी बेरोजगार रहें, वे मुख्यधारा में शामिल न हो सकें, इसके लिए उन्हें अयोग्य ठहराने का एक उपाय है कि गड़बड़ियाँ कर उन्हें वंचित कर दिया जाए।