बंगाल, बिहार, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और अब महाराष्ट्र में एक हफ्ते में हुई रेप की घटनाओं के बाद यदि विश्लेषण करें तो मालूम होगा कि त्वरित कार्रवाई वहीं हुई जहां जनता ने दबाव बनाया। बंगाल को छोड़कर सभी प्रदेश भाजपा शासित हैं या फिर वहाँ भाजपा समर्थित सरकारें हैं। जब-जब भाजपा शासित प्रदेशों में घटनाएं हुईं, वहाँ सरकार किसी तरह का कोई कार्रवाई न कर अपराधी को संरक्षित किया है। सवाल यह उठता है कि क्या भाजपा की मानसिकता अपराधी या गुनहगार को बचाकर ऐसे अपराधों को सीधे-सीधे बढ़ावा देना नहीं है?