TAG
Bunch of Thoughts
मोहन भागवत साम्प्रदायिक एजेंडे की खातिर इतिहास को विकृत करने की कोशिश कर रहे हैं
मुसलमानों के खिलाफ गौरक्षा और गौमांस के बहाने जो हिंसा हो रही है, लव जिहाद के नाम पर उन्हें जिस तरह से डराया-धमकाया जा रहा है, उसका उनमें व्याप्त श्रेष्ठताभाव से कोई लेना-देना नहीं है। यह केवल हिन्दू बहुसंख्यकवादियों द्वारा बोई गई नफरत के बीज की फसल है।
तुलसी पर कोहराम तो बहाना है, मकसद मनु और गोलवलकर को बचाना है
जैसे इधर मदारी का इशारा होता है और उधर जमूरे का काम शुरू होता है, ठीक उसी तरह इधर संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत...
जातिवादी साहित्य चाहे कितना भी ललित हो उसे ज़हर की तरह त्याग दीजिये
लखनऊ। कटिंग चाय व उल्टा चश्मा से अपनी पहचान बनाने वाली यादवजी की दुल्हनिया प्रज्ञा मिश्रा का ब्राह्मण प्रेम आखिर कुलांचे मारने ही लगा।...
प्रतिशोध और प्रतिहिंसा पर आधारित है सावरकर का दर्शन
पहला हिस्सा
सावरकर के आधुनिक पाठ में उन्हें वैज्ञानिक, आधुनिक और तार्किक हिंदुत्व के प्रणेता तथा हिन्दू राष्ट्रवाद के जनक के रूप में प्रस्तुत किया...

