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Chandradev Yadav
जो जीवन देखा गया वही उतरा कविता में
भोजपुरी के आधुनिक कवियों में चंद्रदेव यादव एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। चंद्रदेवजी लोकधर्मी होने के साथ-साथ प्रयोगधर्मी भी हैं। भोजपुरी में छंद मुक्त कविताएं...
जो भी कन्ना-खुद्दी है उसे दे दो और नाक ऊंची रखो। लइकी हर न जोती !
पहला हिस्सा गाँव में स्त्री की स्थिति किसी गूँगे परिचारक जैसी रही है l गूँगे के पास ज़बान नहीं होती है, मगर स्त्री के पास...