किसी समय में दहेज का अर्थ इतना वीभत्स और क्रूर नहीं था, जितना आज के समय में हो गया है। दरअसल दहेज, शादी के समय पिता की ओर से बेटी को दिया जाने वाला ऐसा उपहार है, जिस पर बेटी का अधिकार होता है। पिता अपनी बेटी को ऐसी संपत्ति अपनी स्वयं की इच्छा से देता था और अपनी हैसियत के मुताबिक देता है।