TAG
Dharkar caste
मिर्ज़ापुर में शवदाह का ठेका : अब धरकार नहीं, ठाकुर साहब बेचेंगे चिता जलाने की ‘आग’
मिर्ज़ापुर जिले में भोगांव स्थित श्मशान घाट पर पीढ़ियों से धरकार समुदाय के लोग शव जलाने के लिए आग देकर अपनी आजीविका चलाते आ रहे थे लेकिन पिछले महीने जिला जिला पंचायत ने आग देने का ठेका इसी गाँव के एक ठाकुर को दे दिया। जाति व्यवस्था में तय मानकों के हिसाब से समाज को देखने वाले लोगों को यह अनोखा मामला लग सकता है लेकिन असल में यह कई बातों की ओर इशारा करता है। इससे यह पता चलता है कि जात-जमात से अलग रोजी-रोजगार के साधनों पर सम्पन्न लोग कैसे कब्जा जमा लेते हैं। जाति और पैसे के बल पर लोगों ने उन सभी कामों पर कब्ज़ा जमा लिया है जिसे बिना किए भी मोटा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है। इससे यह भी पता चलता है कि ठेके में कितना अधिक मुनाफा होता है। और यह भी कि सफाई का ठेका कोई भी ले लेकिन सफाई का काम तो स्वीपर को ही करना पड़ता है। यह ठेका भी इसी रणनीति के तहत जारी किया गया है।
शिवपुर स्टेशन के बाहर बसा बांसफोर समाज चालीस साल से तलाश रहा है अपनी पहचान
इस समाज का यक्ष प्रश्न भी महसूस होता है कि पिछले लगभग पचास सालों से वाराणसी शहर के शिवपुर में रहने वाले लोग आखिर कैसे बिना किसी नागरिकता पहचान के पिछले चालीस से ज्यादा सालों से रह रहे हैं? इस समाज के लोगों के पास आधार, राशन कार्ड जैसी कोई पहचान नहीं है, अपनी कोई जमीन नहीं है, इसलिए जमीन का भी कोई कागज नहीं है।

