'जनहित, कल्याण और सुशासन' के नाम पर पेश किया गया 130वां संविधान संशोधन विधेयक, 2025 वास्तव में विपक्ष के नेतृत्व वाली राज्य सरकारों को अस्थिर करने और भारत के संघीय ढांचे को कमजोर करने के लिए बनाया जा रहा एक कठोर कानून है। जहां अनुच्छेद 14, 19 और 21 कानून के समक्ष समानता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, उचित प्रक्रिया और व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सुनिश्चित करते हैं। वहीं यह विधेयक अप्रमाणित आपराधिक आरोपों पर स्वतः निष्कासन की गारंटियों का उल्लंघन करता है।
नयी दिल्ली (भाषा)। राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने ‘नेशनल हेराल्ड’ के स्वामित्व वाली कंपनी की संपत्तियां कुर्क करने की प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई की...
मुंबई, भाषा)। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने बुधवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार...