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feminism
स्त्री विमर्श का परचम लहराने वाली ज्यादातर स्त्रियाँ घरों में प्रताड़ना और उपेक्षा से जूझ रही हैं
एक महिला संगठन है जिसने गाली बंद करो अभियान पर काफी काम किया पर उन्होंने देखा कि महिलाएं भी जब गाली गलौज पर उतरती हैं तो आपस में ही मां–बहनों की गालियां देकर बात करती हैं। इसे तभी बदला जा सकता है जब पुरुषों के साथ साथ स्त्रियां अपना नज़रिया बदलें। गांव की बात छोड़े, कुछ महिला हिन्दी प्राध्यापक भी तीन अक्षरों की गाली के बिना बात ही नहीं करतीं।

